शेयरों में गिरावट: 27% की रिकॉर्ड गिरावट, 5 साल में सबसे बड़ी।

डेरिवेटिव समस्या: पोर्टफोलियो में "असंगतियाँ" पाई गईं।

नेट वर्थ प्रभाव: 2.35% नुकसान, लगभग 1,500-2,000 करोड़ रुपये।

प्रमोटर का बयान: अशोक हिंदुजा ने पूंजी डालने की बात कही।

बाजार पूंजीकरण: 20,000 करोड़ रुपये की कमी, शेयर 694 रुपये पर।

52-सप्ताह का निचला स्तर: 720.35 रुपये तक गिरा।

ब्रोकरेज रेटिंग: यूबीएस, नुवामा ने "सेल" रेटिंग दी।

सीईओ कार्यकाल: सुमंत कठपालिया का कार्यकाल 1 साल बढ़ा।

म्यूचुअल फंड्स: 35 फंड्स को 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान।

बैंक की कार्रवाई: बाहरी एजेंसी से समीक्षा शुरू।

बाजार भावना: बैंक और आईटी शेयरों से नकारात्मक असर।